भारत का अक्षांशीय विस्तार

 भारत का अक्षांशीय विस्तार

  •  भू-पृष्ठ पर विश्वत रेखा से उत्तर या दक्षिण दिशा में स्थित किसी भी बिंदु की पृथ्वी के केंद्र से मापी गई कोणीय दूरी को अक्षांश कहा जाता है।
  •  अक्षांश रेखाएं काल्पनिक रेखाएं हैं, जो पृथ्वी के चारों और पूर्व से पश्चिम दिशा में विश्वत रेखा के समांतर खींची गई है।
  •  अक्षांश को अंशों, मिनटों एवं सेकंडों में दर्शाया जाता है।
  •  पृथ्वी को दो भागों में बांटने वाले 0 डिग्री अक्षांश को भूमध्य रेखा कहा जाता है।
  •  विश्वत वृत्त (भूमध्य रेखा) के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं।
  •  भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित अक्षांश रेखाओं को उत्तरी अक्षांश रेखाएं तथा भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित अक्षांश रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश रेखाएं कहते हैं।
  •  यदि अक्षांश रेखाओं को 1 डिग्री के अंतराल पर खींचा जाए तो उत्तरी गोलार्ध में 89 अक्षांश रेखाएं तथा दक्षिणी गोलार्ध में 89 अक्षांश रेखाएं होगी।
  •  विषुवत वृत्त को लेकर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्याएँ 179 (89+89+1) होगी।
  •  किन्हीं दो समांतर अक्षांश रेखाओं के मध्य की दूरी 111 किलोमीटर है।

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