जलीय पौधे एवं जंतु(कक्षा पंचम)

 जलीय पौधे एवं जन्तु

 अभ्यास

1. खाली स्थानों को भरें।

(क) बगुला घास एक मुक्तप्लवी  पौधा है।

(ख) लेबिओ एक मछली है।

(ग) कैटटेल एक जलस्थलीय पौधा है।

(घ) टॉरपीडो बिजली उत्पन्न करता है।

2. निम्नलिखित का मिलान करें।

          अ                                      ब

(क) मलेरिया                 -        (iv) प्लाजमोडियम 

(ख) डॉल्फिन                -        (iii) स्तनधारी

(ग) हाइड्रिला                -         (v) कीचड़ में जमे निमग्न 

(घ) समुद्री परदार साँप   -         (ii)  मीन 

(ङ) गाय-बगुला             -         (i)  पक्षी

3. सही(✅️) तथा गलत(❌️) कथन को चिन्हित करें।

(क) जलकुंभी एक मुक्तप्लवी पौधा है। ✅️

(ख) बगुला के पैर की ऊँगुलियाँ लंबी एवं जालनुमा होती है।❌️

(ग) कुमुद कीचड़ में जमा प्लवी पौधा है। ✅️

(घ) मलेरिया नर एनोफेलिज मच्छर के काटने से होता है। ❌️

(ङ) छत्रिक वास्तव में एक मीन है।❌️

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।

(क) कीचड़ में जमा निमग्न एवं जलस्थलीय पौधों के बीच अन्तर बतायें।

 उत्तर :- कीचड़ में जमा निमग्न पौधे :- ऐसा पौधे जिनका जड़ जमीन में होता है, कीचड़ में जमा निमग्न पौधे कहलाते हैं। जैसे-  हाइड्रिला, कारा।

            जलस्थलीय पौधे :- वैसे पौधे जिनका जड़ जमीन में तथा पूर्णतया पानी के अंदर एवं धड़ अपूर्ण या पूर्ण रूप से हवा में स्वतंत्र रहता है, वे जलस्थलीय पौधे कहलाते हैं। जैसे - जल धनिया, टाइफा।

(ख) मछलियाँ जल में कैसे जीवित रहते हैं?

 उत्तर :- मछलियाँ जल में उपस्थित ऑक्सीजन को स्वास के रूप में क्लोन(गिल) की सहायता से उपयोग करते हैं। जल में तैरने के लिए उनका शरीर धारा-रेखीय या प्रवाह रेखा-युक्त होता है तथा इनमें एक मीनपंख, जोड़े अंश एवं श्रोणि मीन पंख एवं एक विशिष्ट पुंँछ पाई जाती है।

(ग) मलेरिया के प्रमुख लक्षणों को लिखें।

 उत्तर :- मलेरिया के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित प्रकार के हैं -

1. सिहरन  2. कम्पन  3. तेज बुखार  4. सिरदर्द 

5. मांसपेशियों में दर्द   6. अत्यधिक पसीना  7. वमन।

(घ) मलेरिया का नियंत्रण एवं रोकथाम कैसे किया जा सकता है?

 उत्तर :- मलेरिया का नियंत्रण एवं रोकथाम निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है -

  •  खुली नालियों को ढक देना चाहिए।
  •  दो से तीन दिन मैं कूलर का जल बदलना चाहिए।
  •  कूलर एवं अन्य स्थिर जल वाले स्थानों में जल की सतह पर केरोसिन तेल, पेट्रोलियम या और परिष्कृत तेल आदि का छिड़काव करना चाहिए।
  •  जनन स्थानों पर डीoडीoटीo ब्लीचिंग पाउडर आदि छिड़कना चाहिए।
  •  मच्छरों के प्राकृतिक शत्रु जैसे मिनीका, ट्राउट आदि मछलियाँ, बत्तख तथा जल-खटमल जल स्रोतों में डालना चाहिए।
  •  दरवाजे, खिड़कियों एवं रोशनदान में तार की जाली लगानी चाहिए।
  •  सोने के समय मच्छरदानी का व्यवहार करना चाहिए।
  •  पूरी बाँह एवं पैर को ढकने वाले वस्त्र पहनना चाहिए।
  •  शरीर के खुले स्थानों पर मच्छर-निरोधक क्रीम लगाना चाहिए।
  •  मलेरिया-रोधी दवा जैसे कुनैन का सेवन करना चाहिए।
  •  अपने आवास परिसर के अंदर एवं आस-पास समुचित सफाई रखनी चाहिए।
(ङ) निमग्न प्लवमान पौधे की विशेषता क्या है?

 उत्तर :- निमग्न प्लावमान पौधे केवल जल के संपर्क में ही रहते हैं।

4. निम्नलिखित के नाम लिखें।

(क) साफ पानी में पाए जाने वाले दो जन्तु -  रेहु,      कतला 

(ख) दो निमग्न प्लावमान                      - नजस, यूट्रीकुलेरिया 

(ग) दो उभयचर जन्तु                           - मेंढक,    दादुर 

(घ) दो जलीय स्तनधारी जीव                - डॉल्फिन,  ब्लू-व्हेल 

(ङ) दो जाली रहित पैर वाले पक्षी          - बगुला, गाय -बगुला 


 





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